ख़ुशियाँ ,

ख़ुशियाँ ,

ख़ुशियाँ बटोरते-बटोरते एक उम्र गुजर गई…
बाद में पता चला ख़ुश तो वो लोग थे
जो ख़ुशियाँ बाँट रहे थे.
सुप्रभात